Wednesday, July 28, 2010

सेवा सबसे महान कार्य

धर्म मार्ग का सबसे महत्वपूर्ण सूत्र है - सेवा
मनीषियों ने सेवा को कठोर तप कहा है / उनका मानना है की सेवा योगियों के लिए भी अगम्य है / कारण स्पष्ट है - सेवा में कर्त्तव्य का अभिमान नहीं होता / जिसमे अहं का भाव होता है, वह कभी सेवक नहीं बन सकता / हनुमान जी सेवक भाव की प्रतिमूर्ति है / भगवन श्री राम के बिना उनका कोई अस्तित्व नहीं है /
सेवा करने वाले सेवक की अपनी कोई इच्छा नहीं होती / वह तो यंत्रवत कार्य करता है / ऐसा कर पाना बहुत कठिन है तभी तो सेवा को योगियों द्वारा अगम्य माना गया है /
सेवा करने के लिए आप अपने परिवार में सेवक बनकर देखिये / आप स्वयं तो प्रसन्नता के समुद्र में हिलोरे लेंगे ही, आपका समूचा वातावरण भी खुशियों में नहा उठेगा /
आज के मशीनी युग में सेवा और देशप्रेम का भाव क्षीण होता जा रहा है / मै अपने युवा साथियों से निवेदन करता हूँ की सेवा, संघर्ष और बलिदान का नारा जो की हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी द्वारा दिया गया है, उसे सार्थकता प्रदान करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करे /
आपका
जीतू जिराती

2 comments:

  1. bhaiyaa aap sewa path par yun hii chalte rahooo..karwaan badta chala jayega ..dharm ka nirvahan karo..karwa badta jayega......mitron se judtee chalo..karwa yun hi badta jayegaaa

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  2. देश के युवाओं में सेवा और देशभक्ति के क्षीण होते इन विचारों को शक्ति प्रदान करना बहुत आवश्यक है एवं इन्हें मजबूत करने का,एकता के सूत्र में पिरोने का , कार्य भारतीय जनता पार्टी व भारतीय जनता युवा मोर्चा ही कर रहा है अब आपके नेतृत्व में इस प्रदेश के युवा इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे.आपसे इस प्रदेश के युवाओं को इस कार्य को करने की प्रेरणा मिलेगी इस बात क पूर्ण विश्वास है ............
    आपका
    आकाशदीप गुप्ता
    जबलपुर मध्य प्रदेश

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