Saturday, January 15, 2011

राष्ट्रीय एकता यात्रा अलगाववाद की आग का शमन करेगी

युवा मोर्चा की 12 जनवरी से कोलकाता से आरम्भ हुई राष्ट्रीय एकता यात्रा का उद्देश्य देश की अखण्डता के प्रति जनजागरूकता का विस्तार करना है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमन्त्री उमर अब्दुल्ला का बयान को दुर्भाग्यपूर्ण है, राष्ट्रीय एकता यात्रा का मिशन आतंकवाद की चुनौती से निपटना है। जो आग अलगाववादियों द्वारा सुलग गई है। उसे ठण्डा करना है। उमर अब्दुल्ला का बयान मुख्यमन्त्री के संवैधानिक पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। अपितु उमर अब्दुल्ला के बयान ने ही अलगाववादियों को शह दी है। युवा मोर्चा उनकी गीदड धमकियों से खौफ खाने वाला नहीं है।

उमर अब्दुल्ला ऐसे कोई बयान नहीं दे जिससे अलगाववादियों और शत्रु पक्ष को प्रोत्साहन मिले। जहां तक जम्मू कश्मीर के अन्तिम रूप से भारत में विलय का सवाल है। विलय समग्र रूप से हो चुका है और उमर अब्दुल्ला के दादा विलय के साक्षी रहे है। अलगाववादियों के समर्थन से सरकार में बने रहने का जो आसान तरीका नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने तजबीज कर रखा है अब उसकी उम्र पूरी हो चुकी है। जम्मू कश्मीर को भारत से अलहदा दिखाने का जो शौक अब्दुल्ला खानदान ने खोजा है उसका सभी संवैधानिक संस्थाओं ने विरोध किया है। उनका कोई तर्क वास्तविकता की कसौटी पर नहीं ठहरता है। अपनी गलतियां छिपाने के लिये उमर अब्दुल्ला सरकार ने जिस तरह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने तर्क दिया है उसे आयोग ने खारिज कर दिया है। उमर अब्दुल्ला सरकार को आईना दिखा दिया है।

-जीतू जिराती

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